मंत्रालय ने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए APAAR (Automated Permanent Academic Account Registry) आईडी बनाना अनिवार्य कर दिया है। यह कदम शिक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी और डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
APAAR (अपार) आईडी एक 12-अंकीय अद्वितीय संख्या है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा प्रबंधन सूचना प्रणाली (UDISE+) के तहत विकसित किया गया है। यह आईडी छात्रों के शैक्षिक रिकॉर्ड को एकीकृत और सुरक्षित रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संग्रहीत करने के लिए बनाई गई है। यह आधार कार्ड से जुड़ी नहीं है, लेकिन इसका उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में एक व्यवस्थित और पारदर्शी डेटा प्रणाली तैयार करना है।
APAAR आईडी के उद्देश्य और लाभ
1. शैक्षिक रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण: बच्चों की अकादमिक प्रगति, परीक्षा परिणाम, और स्कूल ट्रांसफर की जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी।
2. ड्रॉपआउट पर निगरानी: ड्रॉपआउट छात्रों की पहचान करना और उन्हें शिक्षा प्रणाली में वापस लाना आसान होगा।
3. पारदर्शिता: सरकारी योजनाओं जैसे छात्रवृत्ति और अन्य लाभ सीधे सही छात्रों तक पहुंचाए जा सकेंगे।
4. सहज ट्रांसफर प्रक्रिया: छात्र यदि स्कूल बदलते हैं, तो उनकी शैक्षिक जानकारी एक क्लिक में नए स्कूल को उपलब्ध हो सकेगी।
5. राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत प्रणाली: सभी राज्यों के छात्रों का डाटा एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा, जिससे शिक्षा नीतियों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, सरकारी और निजी दोनों प्रकार के स्कूलों में यह प्रक्रिया लागू की जाएगी। स्कूल प्रशासन को छात्रों के रिकॉर्ड अपडेट करने और APAAR आईडी बनाने के लिए समयसीमा दी गई है।
APAAR आईडी शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल बच्चों की शैक्षिक प्रगति का रिकॉर्ड सुरक्षित होगा, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा देगा।
सरकार ने अभिभावकों और स्कूल प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे इस पहल में सक्रिय रूप से सहयोग करें और बच्चों की APAAR आईडी जल्द से जल्द बनवाएं।
APAAR आईडी के उद्देश्य और लाभ
1. शैक्षिक रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण: बच्चों की अकादमिक प्रगति, परीक्षा परिणाम, और स्कूल ट्रांसफर की जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी।
2. ड्रॉपआउट पर निगरानी: ड्रॉपआउट छात्रों की पहचान करना और उन्हें शिक्षा प्रणाली में वापस लाना आसान होगा।
3. पारदर्शिता: सरकारी योजनाओं जैसे छात्रवृत्ति और अन्य लाभ सीधे सही छात्रों तक पहुंचाए जा सकेंगे।
4. सहज ट्रांसफर प्रक्रिया: छात्र यदि स्कूल बदलते हैं, तो उनकी शैक्षिक जानकारी एक क्लिक में नए स्कूल को उपलब्ध हो सकेगी।
5. राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत प्रणाली: सभी राज्यों के छात्रों का डाटा एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा, जिससे शिक्षा नीतियों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, सरकारी और निजी दोनों प्रकार के स्कूलों में यह प्रक्रिया लागू की जाएगी। स्कूल प्रशासन को छात्रों के रिकॉर्ड अपडेट करने और APAAR आईडी बनाने के लिए समयसीमा दी गई है।
APAAR आईडी शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल बच्चों की शैक्षिक प्रगति का रिकॉर्ड सुरक्षित होगा, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा देगा।
सरकार ने अभिभावकों और स्कूल प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे इस पहल में सक्रिय रूप से सहयोग करें और बच्चों की APAAR आईडी जल्द से जल्द बनवाएं।
Brakingh News
narmadapuram