टेलीग्राम और व्हाट्सएप बने साइबर ठगों का सबसे बड़ा हथियार

डिजिटल युग में सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्स ने लोगों को करीब लाने का काम किया है। लेकिन साइबर अपराधियों ने इन्हीं प्लेटफॉर्म्स को धोखाधड़ी और ठगी का सबसे बड़ा माध्यम बना लिया है। खासतौर पर व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे एप्स, जो अब साइबर ठगों के लिए आसान शिकार का जरिया बन गए हैं।

कैसे हो रहा है ठगी का इस्तेमाल?

1. नकली ऑफर्स और इनाम:-व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर फर्जी संदेशों के जरिए लोगों को लॉटरी जीतने, कूपन पाने या सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा दिया जाता है।

2. फिशिंग लिंक:-साइबर ठग फर्जी लिंक भेजकर लोगों से उनकी बैंक डिटेल, पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा लेते हैं।

3. गुप्त ग्रुप्स का संचालन:-टेलीग्राम पर साइबर ठग फर्जी निवेश योजनाओं, क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले गुप्त ग्रुप्स चला रहे हैं।

4. स्क्रीनशेयरिंग और दूरस्थ नियंत्रण:-ठग स्क्रीनशेयरिंग और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल कर यूजर्स के मोबाइल और कंप्यूटर पर नियंत्रण हासिल कर लेते हैं।

ठगी के मामलों में वृद्धि

राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए साइबर अपराध के मामलों में 40% की वृद्धि हुई है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डिजिटल जागरूकता की कमी के कारण ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

सावधानियां जो हर यूजर को अपनानी चाहिए

1. अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
2. व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर केवल भरोसेमंद संपर्कों से ही बातचीत करें।
3. किसी भी लुभावने ऑफर की सच्चाई की जांच करें।
4. दो-चरणीय सत्यापन (2FA) का उपयोग करें।
5. साइबर ठगी की शिकायत तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर दर्ज करें।




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