"तेरे जैसा यार कहाँ"
नर्मदापुरम की प्रतिष्ठित संगीत संस्था 'म्यूजिक ज़ोन' न सिर्फ संगीत के क्षेत्र में वरन मानव मूल्यों को, संबंधों, व्यवहार को अपने कार्यक्रमों के माध्यम से जीवित रखने एवं समाज़ को एक ऐसा संदेश देने का काम कर रही है जो सिर्फ प्यार और अपनापन बांटता हो, एक दूसरे के सुख दुख में साथी बने, इसी उद्देश्य को बरकरार रखते हुए 'म्यूजिक ज़ोन' ने अपने वरिष्ठ साथी "BBR GANDHI" को फेयरवेल देते हुए एक संगीतमय गीतों की शाम का आयोजन किया | BBR GANDHI जो पिछले 50-60 सालों से इटारसी में निवास करते हैं जो अब अपने परिवार के साथ हरिद्वार शिफ्ट हो रहें हैं संगीतमय विदाई कार्यक्रम "तेरे जैसा यार कहाँ " स्थानीय रॉयल वाटिका होटल के खुशनुमा माहौल में संपन्न हुआ| कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं म्यूजिक ज़ोन के संरक्षक पूर्व विधायक पंडित गिरिजाशंकर शर्मा एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं म्यूजिक ज़ोन के संरक्षक वरिष्ठ समाज़सेवी श्री राकेश फौज़दार एवं वरिष्ठ संगीतग्य श्री राम परसाई द्वारा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया| कार्यक्रम के प्रारम्भ में इटारसी से MMS स्टूडियो के संचालक मनोज राठौर के भजन 'देवा ओ देवा गणपति देवा' से हुआ जिसके पश्चात गाँधी साहब और अतिथियों का जोरदार स्वागत किया गया | इस मौक़े पर म्यूजिक ज़ोन समस्त सदस्यों ने म्यूजिक ज़ोन के अध्यक्ष एवं किशोर कुमार की आवाज़ कहे जाने वाले श्री असीम बिस्वास के नेतृत्व में 'तेरे जैसा यार कहाँ' गाकर लोगों को भावविभोर कर दिया | दोस्ती का पैगाम देते हुए असीम बिस्वास के साथ म्यूजिक ज़ोन के सूत्रधार श्री सईद कुरैशी एवं म्यूजिक ज़ोन के उपाध्यक्ष एवं जनपद पंचायत के CEO श्री हेमंत सूत्रकार द्वारा गीत 'दीये जलते हैं फूल खिलते हैं' ने सभी को भावुक कर दिया| म.प्र. ग्राम सड़क विभाग के जनरल मैनेजर श्री मनोज चौधरी ने 'जीना यहाँ मरना यहाँ', अभिलाष दुबे ने स्वरचित विदाई गीत गाया, मुकेश गढ़वाल ने ग़ज़ल, सूत्रकार जी ने पंजाबी गीत, प्रतीक द्विवेदी ने हाल-ए-दिल तुझको सुनते हुए खूब तालियां बटोरी| इमरान बेग ने 'तुमसे अच्छा कौन है', मुकेश सरदाना ने 'आये हो मेरी ज़िन्दगी में', सय्यम बिल्लोरे ने 'तुमसे ही दिन होता है'म्यूजिक ज़ोन के कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ गायक श्री संतोष शर्मा जी ने 'आंसू भरी है जीवन की राहें' हरीश मांझी ने 'दिल में बजी गिटार', गंगाराम सोनिया ने 'कितना सुकून कितना आराम है' पं.आनंद मोहन ने 'गीत गाता चल', साधना मेहरा ने 'आपके प्यार में' और कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहें असीम बिस्वास के गीत 'मैं तो चला जिधऱ चले रस्ता', डाकिया डाक लाया और हेमंत सूत्रकार के साथ ' जीवन चलने का नाम' और इमरान के साथ 'सलामत रहें दोस्ताना हमारा' एवं विशेष आकर्षण रहा श्री वैभव शर्मा जी ने उभरती गायिका भाग्यश्री दसीला के साथ 'बिन तेरे सनम' की पेशकश की एवं सबकी आँखें नम कर देने वाला गीत 'जब तू चला जायेगा तो मैं क्या करूँगा' सूरज तलरेजा और गाँधी साहब ने साथ परफॉर्म किया, साथ ही गाँधी साहब ने 'एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तों' गाकर सबको भावुक कर दिया|
कार्यक्रम में म्यूजिक ज़ोन के सदस्यो के साथ आमंत्रित हस्तियों ने भी अपने गीत प्रस्तुत किये जिनमें नोएडा से आये राजकिशोर दीक्षित जी ने 'तुम मुझें यूँ भुला न पाओगे', सुनील मिश्रा जी ने 'तेरे मेरे होंठों पे मीठे मीठे गीत मितवा', आदित्य शर्मा ने 'सांसो की जरुरत हो जैसे', कु. भाग्यश्री ने मशहूर गीत 'दीवानी मस्तानी' और सबसे छोटे 4 वर्षीय दाऊ शर्मा ने 'कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे' गाया| इस अवसर पर कार्यक्रम के संचालक श्री सईद कुरैशी जी ने 'जब भी ये दिल उदास होता है' को श्रोताओं ने खूब पसंद किया, वाटिका होटल के संचालक तारिक़ कुरैशी भी अपने आप को नहीं रोक पाए, उन्होंने भी शानू जी का गीत 'मेरा दिल भी कितना पागल है प्रस्तुत कर सभी को गदगद कर दिया |
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री गिरिजाशंकर शर्मा जी ने गाँधी जी के साथ अपने स्मरण साझा किये, राकेश फौज़दार जी ने गीतों के मुखडो के माध्यम से बड़ा ही भावुक वक्तव्य दिया| नवोदित कलाकारों एवं मेहमान कलाकारों को स्मृति चिन्ह हेमंत सूत्रकार एवं श्रीमती रूपा चौधरी ने प्रदान किये, मुजिक ज़ोन कार्यक्रमों के यादगार लम्हों को BBR गाँधी को स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया गया, गाँधी जी ने म्यूजिक ज़ोन को संगीत से जुडी सामग्री लेडीज़ मॉनिटर स्टैंड एवं अन्य जरुरी सामान भेंट किये |